वॉयस ऑफ़ ए टू जेड न्यूज़:-बलिया बलिदान दिवस के अवसर पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बागी धरती पर पहुंचे। यहां बलिदान देने वाले अमर सपूतों को श्रद्धांजलि दी। बलिया को सौगात देने की घोषणा भी सीएम योगी ने की।
बलिया बलिदान दिवस के अवसर पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बागी धरती पर पहुंचे। यहां बलिदान देने वाले अमर सपूतों को श्रद्धांजलि दी। जिला जेल में अमर शहीद राजकुमार बाघ की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में आयोजित जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान बलिया में सुविधाएं बढ़ाने का टार्गेट भी सेट कर दिया। इसकी जिम्मेदारी बलिया के ही रहने वाले मंत्री दयाशंकर सिंह और मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को सौंप दी है। परिवहन सुविधाएं हों बेहतर: योगी मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह बलिया के हैं, इसलिए बलिया परिवहन के क्षेत्र में और अच्छा होना चाहिए। दयाशंकर सिंह का नाम लेते हुए आवाह्न किया कि बलिया से लखनऊ की दूरी को लगातार कम करते रहें। इसके लिए लिंक एक्सप्रेस-वे से बलिया को जोडेंगे, ताकि दो से ढाई घण्टे में लखनऊ की दूरी तय कर लें। अच्छा बस स्टेशन यहां का हो। इलेक्ट्रिक बसें चलवाएं। बलिया नगर का दायरा बढ़ाएं। बलिया के विकास के लिए सभी जनप्रतिनिधि आगे बढ़कर काम करें। हमारी ओर से जहां भी सहयोग की आवश्यकता होगी, ततपरता से खड़ा रहूंगा।
बलिया की मूलभूत सुविधाएं होंगी मजबूत
सीएम योगी ने यह कहा कि मेडिकल कॉलेज के लिए पांच साल से जमीन मांग रहा हूँ, पर जमीन नहीं मिल पाई। इसलिए बलिया में ही पले-बढ़े मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र जी को साथ लेकर आया हूं। यहां की मूलभूत सुविधाओं को और मजबूत बनाना है।
पीएम मोदी के संकल्पों से बढ़ेगा देश
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 15 अगस्त के दिन देश के नागरिकों को पांच संकल्प दिलाएं हैं। इसके अनुसार हर व्यक्ति अपने कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ेगा तो निश्चित ही भारत दुनिया की महाशक्ति बनेगा।उन्होंने कहा कि आज बिना भेदभाव के सबको योजनाओं का लाभ मिल रहा है। हर गरीब को आवास, शौचालय, राशन सहित लाभकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। आने वाले समय मे भारत दुनिया का नेतृत्वकर्ता होगा।
भारत माता की जय से शुरुआत
मुख्यमंत्री ने 'भारत माता की जय' व 'वन्देमातरम' से अपने सम्बोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में जब पूरा देश जुटा है, इस अवसर पर मुझे बलिया के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े ऐतिहासिक बलिदान दिवस पर आने का सुअवसर मिला है। बलिया का अपना इतिहास है। कहा जाता है बलिया के लिए अनुशासन का कोई महत्व नहीं होता। लेकिन, आजादी के बाद देश के विकास के लिए जिस अनुशासन की आवश्यकता थी, वह बलिया ने दिखाया।
वहीं गुलामी के समय जो तेवर दिखाया जाना था, उसको भी बलिया ने दिखाया। जरूरत पड़ने पर मंगल पांडेय ने बैरकपुर छावनी में स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी जलाई। वह लड़ाई लगातार चलती रही। महात्मा गांधी ने जब अंग्रेजों भारत छोड़ों का नारा दिया था, तब महान सेनानी चित्तू पांडे ने अपनी भूमिका का निर्वहन बखूबी किया। इन्हीं सब का नतीजा है कि आज हम सब आजाद हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1942 में तो बलिया ने अपने आप को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया था। चित्तू पांडेय कलेक्टर और महानंद मिश्र जी पुलिस कप्तान बन गए थे। यहां के लोग हल, कुदाल, फावड़ा आदि से ही लड़ाई लड़ी थी। यहां के लोगों का त्याग बलिया को नई पहचान देता है।